दोस्तों आज हम आपको ई डी के बारे में पूरी जानकारी देंगे इस आर्टिकल के माध्यम से यह ई डी के बारे में जितने भी महत्वपूर्ण बात होते हैं क्योकि वह सभी आपको बताएंगे की ई डी क्या होता है एडी का काम क्या होता है । ED क्या होता है
और या किस तरह से छापा मारा करती है और ईडी बनने के लिए आपको क्या क्वालिफिकेशन चाहिए. तो था इसे मैं नौकरी करने के लिए कितने एग्जाम को पास करना पड़ता है तथा का सिलेबस क्या है इसके बारे में और जितनी भी महत्वपूर्ण जानकारी होगी मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी तरह विस्तार से बताएंगे।
ED Full Form :- DIRECTORATE OF ENFORCEMENT.
FEMA Full Form :- FOREIGN EXCHANGE MANAGEMENT ACT.
PMLA Full Form :-PREVENTION OF MONEY LAUNDERING ACT.
ED क्या होता है? What is ED.
दोस्तों ED का फुलफॉर्म तो सुना ही होगा। ED का फुलफॉर्म Directorate Of Enforcement होता है। दोस्तों ED की चर्चा देश में हमेशा होती रहती है। आय से अधिक संपत्ति का मामला हो या MONEY-LAUNDERING का जब भी इसकी जांच होती है तो ED का नाम सुनने को मिलता होगा। दोस्तों ज्यादातर लोगों को ED के बारे में जानकारी नहीं होती है। यही वजह है कि लोग ED के बारे में जानना चाहते हैं। और आप सभी को ED के बारे में तमाम जानकारी इस आर्टिकल में देंगे। ED क्या होता है
दोस्तों यदि एक ऐसा विभाग या एजेंसी है। जो अवैध संपत्ति की जांच करता है। फिर आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आता है। तब उसकी जांच ED ही करती है। यही वजह है कि हमारे देश में ED का नाम हमेशा चर्चा में रहता है। दोस्तों यदि एक ऐसी एजेंसी है जो हमारे देश के काला धन की जांच करती है तथा MONEY-LAUNDERING की जांच करती है। इसके अलावा ED के और भी बहुत सारे काम होते हैं।
Directorate Of Enforcement (प्रवर्तन निदेशालय) या ED जांच एजेंसी है। जो प्रमुख रूप से भारत सरकार के फाइनेंस मिनिस्ट्री के रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधीन कार्य करती है। यह एक ऐसी महत्वपूर्ण एजेंसी है जो भारत में विदेशी संपत्ति के मामले, money laundering, आय से अधिक संपत्ति की जांच और पूछताछ करने का काम करती है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) केंद्र सरकार के अधीन सरकारी संस्था है। जिसके द्वारा देश में भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कार्य करती है। प्रवर्तन निदेशालय या Enforcement Of Directorate एक गैर संवैधानिक संस्था है अर्थात इसके बारे में संविधान में कहीं भी वर्णन नहीं किया गया हैं। यह भारत सरकार के FERA तथा FEMA कानून के तहत कार्य करता है।
ED (Directorate Of Enforcement) मुख्य रूप से भारत में विदेश से जुड़ी संपत्ति मामले या अन्य तरह की संपत्ति की जांच करता है। वह निधि के अंतर्गत जो भी अधिकारी काम करते हैं। उनका चुनाव IAS,IPS, अधिकारी लाइन के आधार पर ही चुनाव किया जाता है। यह एक ऐसी खुफिया एजेंसी होती है।
हमारे देश में फाइनेंसियल संबंधित अपराधों पर पूर्ण रूप से नजर बनाए रखने का काम करती है साथ ही मैं मनी लॉन्ड्रिंग का जांच करती है। आर्थिक स्थिति कैसी भी हो लेकिन ED यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है कि वह सही तरीके से मामले की जांच करें। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कानून लागू करने का अधिकार भी ED को सौंपा जाता है।
ED का स्थापना कब हुआ।
दोस्तों प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1 मई 1956 को हुई थी। जब Foresx Regulation Act 1947 यानी की फेरा के अंतर्गत एक्सचेंज कंट्रोल विधियों के उल्लंघन के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाई गठित की गई थी। वर्ष 1957 में इस इकाई का प्रवर्तन निदेशालय के रूप में पुनः नामकरण कर दिया गया था और मद्रास में एक इसकी शाखा खोली गई। वर्तमान समय में ED Fera 1973 और Fema 1999 के अंतर्गत काम करता है। वर्तमान समय में ED के पांच मुख्य कार्यालय है जो अलग-अलग जगह में स्थित है। जैसे कि मुंबई, चंडीगढ़, चेन्नई, कोलकाता, और दिल्ली में स्थित है।
फेमा एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ED की स्थापना क्यों की गई। What is ED? ईडी क्या है
दोस्तो ED Foreign Exchange Regulation Act 1973 के तहत कार्य करता है। इस अधिनियम को Fera के नाम से जाना जाता है। लेकिन 1 जून 2000 को फेमा लागू कर दिया गया। कुछ समय के बाद Fema से संबंधित सभी मामले भी ED के अधिकार क्षेत्र में कर दिए गए। वर्तमान समय में ED Fera 1973 और Fema 1999 के अंतर्गत कार्यवाही करता है। अगर इसके अधिकार की बात करें तो
1. प्रवर्तन निदेशालय को Fera 1973 और Fema 1999 यह दो अधिनियम के तहत भारत सरकार को सभी तरह की फाइनेंसियल जांच करने का अधिकार प्राप्त है।
2. इसके अलावा सरकार ने ED को विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत उल्लंघन से निपटने की पूरी छूट प्रदान कर रखी है।
3. ED को विदेश में किसी भी संपत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार प्रदान किया गया है।
4. MONEY LAUNDERING के आरोप में पाए गए लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और खोज करने का अधिकार भी ED के पास है।
5.ED फाइनेंसियल रूप से देश में गैरकानूनी तरीके से हो रहे कार्य को लेकर उस पर कार्यवाही कर सकता है।
ED का क्या काम होता है।
ED (Enforcement Of Directorate) Fema 1999 उल्लंघन से संबंधित सूचना को प्राप्त करता है। यह सूचनाएं इसे केंद्रीय और राज्य सूचना विभाग और शिकायतों से मिलती है। यह Hawala Foreign Exchange racketeering निर्यात प्रक्रियाओं का पुरा ना होना विदेशी मुद्रा का गैर तरीके से इंपोर्ट तथा Fema 1999 के तहत उल्लंघन करने पर मामले की जांच और निर्णय लेता है। और इसके अंतर्गत कार्यवाही के अनुसार दंड वसूली भी करता है। इसके लिए यह नीलामी भी करवाता है। प्रवर्तन निदेशालय एक आर्थिक खुफिया एजेंसी और एक कानून रिजेंस भी हैं। जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करती है।
1. PREVENTION OF MONEY LAUNDERING ACT ,2002 (PMLA)।
2. FOREIGN EXCHANGE MANAGEMENT ACT, 1999 (FEMA)
अगर कोई व्यक्ति PREVENTION OF MONEY LAUNDERING ACT 2002, FOREIGN EXCHANGE MANAGEMENT ACT 1999, का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ जांच करने का अधिकार और उसे गिरफ्तार करने का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय यानी ED को दिया जाता है।
ED की भूमिका क्या है।
भारत में भ्रष्टाचार को कम करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है यह एजेंसी अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करती है। जिसमें money-laundering और काले धन से जुड़े गंभीर मामलों में दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष जांच करके उन्हें कानून के अनुसार दंड दिलाती है। दोस्तों अगर इसकी भूमिका की बात करें। तो यह वह एजेंसी है जिसके डर से लोग गैर कानूनी से पैसा कमाने से डरते हैं अगर यह एजेंसी ना हो तो हर कोई गैरकानूनी से पैसे कमाने लगेंगे और इन सभी को किसी से डर नहीं होगा।
ED कैसे छापा मारता है। एवं ईडी के प्रकार।
ED का मुख्य काम तो गैर कानूनी तरीके से पैसे कमाने वालों और money laundering करने वालों के खिलाफ कार्य करना होता है। ED खुफिया संगठन की रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों, खूफिया विभागो, और राज्य शिकायतों, फेमा उलंघन 1999 से संबंधित जानकारी इकट्ठा करना स्थापित करने और उस पर कार्यवाही करने के लिए प्रदान की जाती है। ED पहले फेमा 1999, फेरा 1973 के उल्लंघनो से संबंधित मामलों की जांच करता था।
फेमा 1999 नियमो के संदिग्ध उल्लंघनो की ED ने जांच की जिसमें money-laundering, हवाला विदेशी मुद्रा की फेमा उल्लंघन 1999 और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रत्यावर्तन की अन्य रूप शामिल है। ED क्या होता है
PMLA संदिग्धों के खिलाफ जांच सजा मुकदमा तलाश निरीक्षण आदि का संचालन करता है। ED पूर्व फेरा 1973 हैकिंग के तहत अपील और कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार है। ED गैर कानूनी गतिविधियों को हटाने और PMLA के तहत कथित अपराधियों के हस्तांतरण से संबंधित ठेका राज्यों से संबंधित कानूनी सहायता प्रदान करता है। और प्राप्त करता है।
FORGEIN EXCHANGE से जुड़े मामलों की जांच करता है। ED देश से बाहर विदेशों में कोई भी संपति खरीदने पर उसकी भी जांच करता है।
ED का उद्देश्य क्या है।
दोस्तों भारत में जितनी भी एजेंसियों का गठन किया गया है उसका कोई न कोई उद्देश्य जरूर है। इसी तरह से ED का एक विशेष उद्देश्य है। जैसे FEMA 1999 और PMLA 2002 जैसे दो प्रमुख भारतीय सरकारी कानूनों को लागू करना। Directorate Of Enforcement का उद्देश्य है। यह ED का प्राथमिक उद्देश्य है।
इसे भी पढ़े।